अरसे से बिखरे रिश्तो को फिर करीने से सजाया जाए ,
बात -बेबात जो रूठे हैं, आज उन सभी को मनाया जाए,
रंजिशे, शिकवे और शिकायत से कब किसका भला हुआ है ,
क्यों ना मुस्कुराकर आज इन सबको भूलाया जाए ,
रिश्तो की अदालत के कटघरे में अपने ही तो खडे हैं ,
आओ खुद को हारकर अपनो को जिताया जाए ,
अच्छा - बुरा , सही - गलत , सबके अपने हैं पैमाने,
छोडो ये सब, आज दिलों को दिलों से मिलाया जाए,
ना जाने कौन सा लम्हा ज़िन्दगी मुकम्मल कर दे ,
मरने से पहले एक बार तो खुलकर ज़िन्दगी को गले लगाया जाए ,
इसका - उसका , तेरा - मेरा बेमतलब के किस्से हैं ,
चलो आदमियत छोडकर इंसानियत को अपनाया जाए
बिखरे रिश्तो को करीने से सजाया जाए .....
------प्रतीक्षा ------
बात -बेबात जो रूठे हैं, आज उन सभी को मनाया जाए,
रंजिशे, शिकवे और शिकायत से कब किसका भला हुआ है ,
क्यों ना मुस्कुराकर आज इन सबको भूलाया जाए ,
रिश्तो की अदालत के कटघरे में अपने ही तो खडे हैं ,
आओ खुद को हारकर अपनो को जिताया जाए ,
अच्छा - बुरा , सही - गलत , सबके अपने हैं पैमाने,
छोडो ये सब, आज दिलों को दिलों से मिलाया जाए,
ना जाने कौन सा लम्हा ज़िन्दगी मुकम्मल कर दे ,
मरने से पहले एक बार तो खुलकर ज़िन्दगी को गले लगाया जाए ,
इसका - उसका , तेरा - मेरा बेमतलब के किस्से हैं ,
चलो आदमियत छोडकर इंसानियत को अपनाया जाए
बिखरे रिश्तो को करीने से सजाया जाए .....
------प्रतीक्षा ------