शब्द मेरे बेमायने हैं...जब तक वो तुम्हारे अर्थ ना बने..
अभीव्यक्ति मेरी मूक है ... जब तक वो तुम्हारे एहसास ना बने..
संघर्ष मेरा जाया है..जब तक वो तुम्हारी सफलता ना बने ...
यूँ तो कहते हैं के प्यार को अल्फाजों की दरकार नहीं...
फिर भी तुम बोलो तो मेरे अरमानो को परवाज मिले ...
मैं कब तक इस उम्मीद को लेकर चलूँ...
कि एक दिन हमारा शब्दआर्थ भी बदलेगा भावार्थ में...
कुछ प्यार में, कुछ तकरार में ...
आकर बोलो तुम कि ये अच्छा है..ये खराब...
कभी तो दोगी मुझे अपने पूरे दिन का हिसाब...
ज़िद, फरमाईश, रूठने -मनाने का पन्ना ...
कभी तो शामिल होगा हमारे भी रिश्ते की किताब में...
हर संभव जतन कर रही हूँ इसी आस में...
तो अब और परीक्षा ना लो मेरे धैर्य की...
उठो और मायने दो मेरे हर शब्द को...
खोलो अपने बंद मन के दरवाजे..
निकालो उसमे से अपनी भावनाओं के खजाने...
मेरे संघर्ष को बना दो सफलता...
कर दो बारिश मुझ पर...
अपने खट्टे -मीठे एहसासों की...
बहुत हुई अब मूक अभिव्याक्ति...
सहना मेरे बस की बात नहीं...
कुछ तुम बोलो, कुछ मैं बोलूँ...
अपनी बातों की बारात सजे...
अभीव्यक्ति मेरी मूक है ... जब तक वो तुम्हारे एहसास ना बने..
संघर्ष मेरा जाया है..जब तक वो तुम्हारी सफलता ना बने ...
यूँ तो कहते हैं के प्यार को अल्फाजों की दरकार नहीं...
फिर भी तुम बोलो तो मेरे अरमानो को परवाज मिले ...
मैं कब तक इस उम्मीद को लेकर चलूँ...
कि एक दिन हमारा शब्दआर्थ भी बदलेगा भावार्थ में...
कुछ प्यार में, कुछ तकरार में ...
आकर बोलो तुम कि ये अच्छा है..ये खराब...
कभी तो दोगी मुझे अपने पूरे दिन का हिसाब...
ज़िद, फरमाईश, रूठने -मनाने का पन्ना ...
कभी तो शामिल होगा हमारे भी रिश्ते की किताब में...
हर संभव जतन कर रही हूँ इसी आस में...
तो अब और परीक्षा ना लो मेरे धैर्य की...
उठो और मायने दो मेरे हर शब्द को...
खोलो अपने बंद मन के दरवाजे..
निकालो उसमे से अपनी भावनाओं के खजाने...
मेरे संघर्ष को बना दो सफलता...
कर दो बारिश मुझ पर...
अपने खट्टे -मीठे एहसासों की...
बहुत हुई अब मूक अभिव्याक्ति...
सहना मेरे बस की बात नहीं...
कुछ तुम बोलो, कुछ मैं बोलूँ...
अपनी बातों की बारात सजे...
One of the best expressions have ever read. Can't stop reading it more than once.
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